मैं ज़िन्दगी एक खुली किताब हूँ
या कह लो तुम्हारे अनसुलझे सवालों का जवाब हूँ
या कह लो तुम्हारे अनसुलझे सवालों का जवाब हूँ
ज़िन्दगी की वीणा से निकला
एक अधूरा साज़ हूँ
मैं ज़िन्दगी एक खुली किताब हूँ
एक अधूरा साज़ हूँ
मैं ज़िन्दगी एक खुली किताब हूँ
आँखों में छुपाये हूँ दरिया पानी का
फिर भी बुझती नहीं वो प्यासी आग हूँ
मैं ज़िन्दगी एक खुली किताब हूँ
फिर भी बुझती नहीं वो प्यासी आग हूँ
मैं ज़िन्दगी एक खुली किताब हूँ
पाले हैं जाने कितने तूफाँ दिल में
फिर भी लहरों से टूटी एक छोटी सी नाव हूँ
मैं ज़िन्दगी खुली किताब हूँ ।
फिर भी लहरों से टूटी एक छोटी सी नाव हूँ
मैं ज़िन्दगी खुली किताब हूँ ।
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