एक हसीं ख्वाब लिखूँ या
एक रंगी शाम लिखूँ
रातों का वो शबाब लिखूँ या
शामों का वो जाम लिखूँ
क्या तेरी मुस्कान बहार लिखूँ या
दिल को मेरे बेक़रार लिखूँ
आँखों को तेरी शराब लिखूं या
खुद को शराबी बीमार लिखूँ
क्या तुझे मैं अपना लिखूँ या
इस जनम भी तुझे उधार लिखूँ
-कुमार
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