Thursday, March 1, 2018

मेघदूत




अाजादी की इस बेला में 
भारत माँ के चरणों में मैंने शीश झुकाया है
आज मैंने अपनी छत पर 
फिर तिरंगा लहराया है ।

आजादी के इस जयघोष को 
सारी दुनिया में फैलाना
ए- बादल मेरे मेघदूत बन तुम जाना।

लाखों ने अपनों को खोया 
हजारों ने सिर कटवाया है
यूँ ही नहीं मिली आजादी 
सूद सहित इसका मोल चुकाया है।

आज शहीदों के सम्मान में 
मैंने कोटि-कोटि शीश झुकाया है
जन्नत में बैठे उन शहीदों को
मेरा संदेसा पहुँचाना
ए- बादल मेरे मेघदूत बन तुम जाना ।


काश्मीर की पावन घाटी में 
आज भी जवान खूनी होली खेल रहे 
सरहद पर खड़े सिपाही को 
मेरा ये संदेसा पहुँचाना 
ए-बादल मेरे मेघदूत बन तुम जाना ।

⇛एक सवाल आप सब के लिए

Pocket में डालकर English को 

MacD अौर Dominos में Pizza Burger खाते हो
Angrejo को हमने खदेड़ दिया
पर क्या इसे आजादी कहते हो ?

पूरे देश में मेरा ये सवाल फैलाना
कालिदास को फिर जीवंत कर
ए-बादल मेरे मेघदूत बन तुम जाना ।


                                                                              -   कुमार

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